ग्रेटर नोएडा। जिला न्यायालय गौतमबुद्धनगर ने पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग की पत्नी आरती सहवाग की गैर जमानती वारंट रिकाल अर्जी स्वीकार कर ली है। मंगलवार को आरती सहवाग निवासी हौज खास दिल्ली ग्रेटर नोएडा स्थित जिला न्यायालय गौतमबुद्धनगर में पेश हुई। चेक बाउंस के मामले में आरती लंबे समय से कोर्ट से अनुपस्थित थी। इस वजह से वारंट जारी हुआ था। अधिवक्ता वीरेंद्र नागर ने बताया कि चेक बाउंस के मामले में आरती जमानत पर थी, लेकिन वह लंबे समय से कोर्ट नहीं आ रही थी। उनके अधिवक्ता के द्वारा कोई अर्जी नहीं दी गई थी।
मंगलवार से पूर्व आरती अंतिम बार पांच जुलाई 2019 को कोर्ट में उपस्थित हुई थी। उसके बाद से वह कोर्ट नहीं आई तो गैर जमानती वारंट जारी कर दिया गया। वारंट जारी होने की वजह से आरती को फिर से वारंट रिकाल कराने की अर्जी देने पड़ी थी, जो कि स्वीकार कर ली गई है।
यह है मामला
ढाई करोड़ के चेक बाउंस मामले में गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद मंगलवार को पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग की पत्नी आरती सहवाग गौतमबुद्धनगर जिला न्यायालय में पेश हुई। आरोप है कि आरती फल के विभिन्न उत्पाद बनाने वाली कंपनी एसएमजीके एग्रो प्रोडक्ट्स में साझेदार हैं। इस कंपनी ने लखनपाल प्रमोटर्स एंड बिल्डर कंपनी को आर्डर पूरा नहीं करने पर गत वर्ष ढाई करोड़ रुपये का चेक दिया था जो कि बाउंस हो गया था। लखनपाल प्रमोटर्स एंड बिल्डर कंपनी ने अशोक विहार दिल्ली स्थित एसएमजीके को रुपये जमा कराकर आर्डर दिया था। ये आर्डर एसएमजीके पूरा नहीं कर पाई थी।
इसी कारण उन्हें लखनपाल प्रमोटर्स को रुपये वापस करने थे। दायित्व की पूर्ति के लिए एसएमजीके ने ढाई करोड़ रुपये का चेक दिया था जो बाउंस हो गया था। एसएमजीके में आरती सहवाग निदेशक है। इसी वजह से उनके खिलाफ भी वारंट जारी हुआ। आरती के अलावा एसएमजीके की एमडी प्रभा कक्कर और अन्य साझेदार हरिकिशन चावला, अशोक मेहरोत्रा, ऋषि प्रकाश गुप्ता, अब्दुल आसिफ के खिलाफ भी एनआई एक्ट (पारक्रम्य लिखित अधिनियम) में वाद दायर किया गया था।