हनुमानजी के संबंध में 5 अनसुनी रोचक बातें

कलयुग में भवसागर को पार लगाने वाले दो ही हैं नाम चाहे कृष्ण कहो या राम। रामदूत हनुमानजी इन दोनों के ही सेवक हैं। ये दो नहीं असल में एक ही हैं। हनुमानजी को बलशालियों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस संपूर्ण ब्रह्मांड में उनके आराध्य और आराध्य के भक्तों के सिवाय उन्होंने कोई झुका नहीं सकता। आओ जानते हैं महावीर हनुमानजी के संबंध में 10 अनसुनी बातें।

हनुमानजी के संबंध में 5 अनसुनी रोचक बातें

1. क्यों प्रमुख देव हैं हनुमान : श्रीराम की आज्ञा से हनुमानजी एक कल्प तक इस धरती पर रहेंगे। एक कल्प में चारों युग के कई चक्र होते हैं। हनुमानजी 4 कारणों से सभी देवताओं में श्रेष्ठ हैं। पहला कारण यह कि सभी देवताओं के पास अपनी अपनी शक्तियां हैं। जैसे विष्णु के पास लक्ष्मी, महेश के पास पार्वती और ब्रह्मा के पास सरस्वती। हनुमानजी के पास खुद की शक्ति है। वे खुद की शक्ति से संचालित होते हैं। दूसरा कारण यह कि वे इतने शक्तिशाली होने के बावजूद ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पित हैं, तीसरा यह कि वे अपने भक्तों की सहायता तुरंत ही करते हैं और चौथा यह कि वे आज भी सशरीर हैं। इस ब्रह्मांड में ईश्वर के बाद यदि कोई एक शक्ति है तो वह है हनुमानजी। महावीर विक्रम बजरंगबली के समक्ष किसी भी प्रकार की मायावी शक्ति ठहर नहीं सकती।

हनुमानजी के संबंध में 5 अनसुनी रोचक बातें

2. भक्तों को दिए दर्शन: हर युग और हर समय में उन्होंने श्रीराम, श्रीकृष्‍ण या अपने भक्तों को दर्शन दिए हैं। भीम और अर्जुन ने द्वापर युग में हनुमानजी के दर्शन किए थे वहीं कलियुग में तुलसीदासजी, समर्थरामदास, भक्त माधवदास, नीम करोली बाबा, राघवेन्द्र स्वामी आदि कई लोगों ने उनके साक्षात दर्शन किए हैं।

हनुमानजी के संबंध में 5 अनसुनी रोचक बातें

3. गंधमादन पर्वत: कहते हैं कि हनुमानजी नेपाल तिब्बत सीमा पर स्थित गंधमादन पर्वत पर रहते हैं और वे वहां पर रहते हैं जहां पर रामायण का पाठ होता है। जगन्नाथ पुरी की रक्षार्थ वे वहां पर भी विराजमान हैं।

 

हनुमानजी के संबंध में 5 अनसुनी रोचक बातें

4. हनुमद रामायण: सर्वप्रथम श्रीराम की कथा भगवान श्री शंकर ने माता पार्वतीजी को सुनाई थी। उस कथा को एक कौवे ने भी सुन लिया। उसी कौवे का पुनर्जन्म कागभुशुण्डि के रूप में हुआ। काकभुशुण्डि ने भगवान गरूढ़ को कथा सुनाई थी परंतु वाल्मीकि रामायण से पहले हनुमानजी ने रामायण को एक शिला पर लिख दिया था। हनुमानजी ने एक शिला (चट्टान) पर अपने नाखूनों से लिखी थी। यह ‘हनुमद रामायण’ के नाम से प्रसिद्ध है। परंतु बाद में उन्होंने वाल्मीकि जी की निराशा को देखते हुए इसे समुद्र में फेंक दिया था।

हनुमानजी के संबंध में 5 अनसुनी रोचक बातें

5. हनुमानजी के खास नाम : हनुमान के पिता सुमेरु पर्वत के राजा केसरी थे तथा उनकी माता का नाम अंजना था। इसीलिए उन्हें अंजनी पुत्र कहा जाता है। उन्हें वायु देवता का पुत्र भी माना जाता है, इसीलिए इनका नाम पवनपुत्र हुआ। उस काल में वायु को मारुत भी कहा जाता था। मारुत अर्थात वायु, इसलिए उन्हें मारुति नंदन भी कहा जाता है। उन्हें शंकरसुवन भी कहा जाता है। अर्थात शंकरजी के पुत्र। इन्द्र के वज्र से हनुमानजी की हनु (ठुड्डी) टूट गई थी, इसलिए तब से उनका नाम हनुमान हो गया। वज्र को धारण करने वाले और वज्र के समान कठोर अर्थात बलवान शरीर होने के कारण उन्हें वज्रांगबली कहा जाने लगा।

हनुमानजी के संबंध में 5 अनसुनी रोचक बातें

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